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सीयूएसबी की टीम लॉ कॉलेज, देहरादून द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में रनरअप

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के विधि विभाग के छात्रों ने लॉ कॉलेज, देहरादून द्वारा 01 से 02 मई के बीच आयोजित पाँचवे नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में रनरअप का ख़िताब हासिल किया | विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों क्रमशः आशीष, किशन और साक्षी की टाइम ने लॉ कॉलेज, देहरादून द्वारा आयोजित पाँचवे नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में दूितीय स्थान प्राप्त किया । सीयूएसबी की टीम को प्रमाणपत्र के साथ – साथ पुरुस्कार राशि के रूप में आयोजकों द्वारा 15 हजार रूपये दिया गया | इस उपलब्धि पर माननीय कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर एवं कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए विभाग के प्राध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन के लिए सराहना की |
गूगल मीट के माध्यम से इस प्रतियोगिता को चार सत्रों में आयोजित किया गया था जिसमें प्री, क्वाटर, सेमी में जीत दर्ज करते हुए टीम ने फाइनल में अपनी जगह बनाई और अंत में अपना बेहतरीन प्रदर्शन देते हुए द्वितीय स्थान प्राप्त किया। फाइनल राउंड की अध्यक्षता माननीय श्री न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन, (भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश); एमएस ऐश्वर्या भाटी, (भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल); प्रो (डॉ) राजेश बहुगुणा, (डीन, लॉ कॉलेज देहरादून); श्री अभिषेक आनंद, (सह-संस्थापक और साझेदार, सर्वदा लीगल) और डॉ अमित जॉर्ज, (एडवोकेट, दिल्ली उच्च न्यायालय) ने किया | मुख्य अतिथियों एवं जूरी ने प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की |
सीयूएसबी के विधि विभाग के अध्यक्ष एवं डीन प्रोफेसर पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के इस कठिन दौर में विद्यार्थियों की यह उपलब्धि हम सबके लिए सकारात्मकता लेकर आया है | उन्होंने कहा की भविष्य में इस तरह की प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन देकर हमारे बच्चें अपना और विश्वविद्यालय का नाम रौशन करेंगे।मूट कोर्ट के समन्वयक श्रीमती पूनम कुमारी और सह समन्वयक डॉ देव नारायण सिंह ने भी बच्चों को शुभकामनाएं दी और आगे भी ऐसे ही प्रदर्शन देते रहने की कामना की। वहीँ विधि विभाग के अभिभावक प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप कुमर दास, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ अनंत नारायण, डॉ पल्लवी सिंह, श्री मणि प्रताप और डॉ० कुमारी नीतु ने भी छात्रों की उपलब्धि को सराहा है ।