विकसित भारत @2047 के अंतर्गत सीयूएसबी के मनोविज्ञान, गणित और वाणिज्य विभाग में कार्यक्रम आयोजित

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने 2047 तक विकसित भारत का प्रण लेते हुए एक स्वर से कहा कि हमारे कार्यों से ही भारत विकसित बनेगा। उन्होंने एक तरह से प्रण लिया कि आने वाले सालों में हम ईमानदारी और मेहनत से इस देश को विकसित बनाएंगे। छात्रों ने यह भाव विकसित भारत@2047 के बैनर तले कई विभागों में एक साथ अलग अलग तरह के प्रतियोगिताओं में व्यक्त किए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने छात्रों के इस भाव पर संतोष व्यक्त करते हुए यह विश्वास जताया कि छात्रों का जोश देखकर ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत एक विकसित राष्ट्र होगा।

विश्वविद्यालय के कई विभागों जैसे कि मनोविज्ञान विभाग, गणित विभाग, वाणिज्य विभाग, सांख्यिकी विभाग एवं कंप्यूटर साइंस ने कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया। मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विभाग ने विकसित भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें छात्रों एवं शोधार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसी प्रकार गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. हरे कृष्ण निगम ने बताया उन्होंने अपने विभाग में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह और सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुनीत कुमार ने अपने अपने विभागों में हुए कार्यक्रमों की जानकारी दी, जिसमें छात्रों एवं शोधार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

इन कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे तथा इस विषय से संबंधित कई आयामों से अवगत कराया। छात्रों ने कहा कि हम युवाओं का आज का कार्य कल के भारत की रूपरेखा तय करेगा। छात्रों ने कहा कि हमें वसुधैव कुटंबकम के आदर्श को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना है ताकि भारत की प्रगति के साथ साथ पूरा विश्व भी प्रगति के पथ पर आगे बढ़े। छात्रों ने आत्मनिर्भर भारत, नई शिक्षा नीति आदि पर अपने विचार रखते हुए यह माना कि इन नीतियों से भारत विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। इन प्रतियोगिताओं में सभी विजेता छात्रों एवं प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

 

कार्यक्रम के सहायक नोडल ऑफिसर डॉ. सुजीत कुमार ने इन कार्यक्रमों पर प्रसन्नता जाहित करते हुए कहा कि इस तरह के कैंपेन से हमारे अंदर यह विश्वास जगता है कि हम विकसित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व का सबसे युवा देश है और आज जो युवा हैं 2047 तक प्रौढ़ावस्था में होंगे, इसलिए हमारी सरकार उन युवाओं को प्रेरित कर रही है कि वह किस भारत में प्रौढ़ होना चाहते हैं? एक विकासशील देश में या एक विकसित देश में?

उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में सभी विभागों के सभी शिक्षकगण मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्र विकसित भारत @2047 के तहत भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रतियोगिता में भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिसके तहत विकसित भारत के अपने विचार छात्र mygov पोर्टल पर दे रहे हैं।